लोगों की राय

बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 गृहविज्ञान

बीए सेमेस्टर-3 गृहविज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2644
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

बीए सेमेस्टर-3 गृहविज्ञान

प्रश्न- युवा प्रौढ़ावस्था शब्द को परिभाषित कीजिए। माता-पिता के रूप में युवा प्रौढ़ों के उत्तरदायित्वों का वर्णन कीजिए।

उत्तर -

युवा प्रौढ़ावस्था जीवन के नए प्रारूपों, नए सामाजिक प्रत्याशाओं के साथ समायोजन 'की अवस्था है। परिपक्वता की कानूनी आयु से लगभग जीवन के चालीसवें वर्ष तक की अवस्था है।

हरलॉक के अनुसार युवा प्रौढ़ावस्था 20 से 40 वर्ष तक होती है। इसकी पहचान व्यक्ति में होने वाले शारीरिक, मानसिक परिवर्तनों से होती है। इस अवस्था में शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक विकास उच्च स्तर तक हो जाता है और उत्तरदायित्वों का भार बढ़ जाता है। नवीन मूल्यों को सीखना रचनात्मक कार्य करना जीविको पार्जन वा पारिवारिक उत्तरदायित्वों का निर्वाह, सन्तानोत्पत्ति और सामाजिक प्रत्याशाओं को पूरा करना इस अवस्था का प्रमुख कार्य है। इसी कारण इसे 'समस्या की उम्र भी कहते है। इस अवस्था में भूमिका निर्वाह वे लोग अधिक सफलतापूर्वक करते हैं जो पूर्व की अवस्थाओं में अति संरक्षण में नहीं रहे हैं एरिक्स के अनुसार यह संकट का समय है क्योकि इसमें व्यक्ति जीवन की शुरुआत नए सिरे से करता है।

माता पिता के रूप में युवा प्रौढ़ों का उत्तरदायित्व

माता पिता के रूप में युवा प्रौढ़ों के उत्तरदायित्व निम्न है-

(1) अच्छा अभिभावक बनना - माता पिता (अभिभावक ) बनना हमारे जीवन का सबसे पुरस्कृत व परिपूर्ण कर देने वाला अनुभव है परन्तु इसका अर्थ यह नहीं कि यह आसान है। आपके बच्चे की उम्र चाहे कितनी भी हो आपका दायित्व कभी खत्म नहीं होता है। अच्छे माता-पिता बनने के लिए आपको इस कला में माहिर होना पड़ेगा की कैसे अपने बच्चे का सही व गलत के बीच अन्तर की शिक्षा देते हुए आप उन्हें विशिष्ट एवं प्रिय महसूस करवा सकते है। अपने बच्चे को पोषक व सकारात्मक वातावरण प्रदान करें।

(2) बच्चे को स्नेह व दुलार - युवा प्रौढ़ का मता-पिता के रूप में यह भी महत्वपूर्ण उत्तर दायित्व है। प्यार भरा स्पर्श और परवाह से भरा आलिंगन ही आपके बच्चे को यह बताने के लिए काफी है कि वास्तविक रूप में आपका बच्चा कितना मूल्यवान हैं।

(3) बच्चे की सराहना - युवा प्रौढ़ माता-पिता के रूप में बालकों की प्रशंशा अच्छे माता-पिता बनने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आप सदैव यह चाहेंगे कि अपनी उपलब्धियों पर गर्व और अपने बारे में अच्छा महसूस करें। यदि आप अपने बच्चों में यह विश्वास नहीं जगाते कि वह अपने दम पर दुनिया में निकल कर कुछ हासिल कर सकते हैं, तो वह कभी स्वयं को आत्मविश्वासी व साहसी बनने के लिए सशक्त महसूस नहीं करेंगे। जब भी वे कुछ-कुछ अच्छा करें तो उन्हें यह दिखाइए कि आपने उस बात पर गौर किया और उनके इस काम पर आप गर्व करते हैं।

(4) बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से न करें - हर बालक अपने आप में श्रेष्ठ होता है। उनके अनूठेपन का जश्न मनाएँ और बालक को उनकी पसंद के अनुसार अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रोत्साहित करें क्योंकि ऐसा कर पाने में विफलता बच्चों मन में अपने लिए हीन भावना जगा सकती है कि चाहे वो जो भी करे, आपकी नजरों में वे अच्छे नहीं बन पाएँगे। यदि आप उनके व्यवहार में सुधार लाना चाहते हैं तो बैठ कर उनके लक्ष्य तक पहुँचने के लिए उनकी शर्तों के अनुसार समझाइए, बजाए इसके कि उन्हें अपनी बहन या पड़ोसी की तरह काम करने का उदाहरण दें। उनमें हीनभावना की जगह स्वतें की भावना विकसित होगी।

(5) अपने बच्चों की बातें सुनें - युवा प्रौढ़ों को माता-पिता के रूप में आप को सिर्फ नियमों को लागू करने के लिए नहीं बल्कि उनकी समस्याओं को सुनने के लिए भी मौजूद रहना चाहिए। आपको बच्चों में दिलचस्पी अभिव्यक्त करने के लिए उनके जीवन में शामिल हो पाने के लिए सक्षम होना चाहिए। आपको ऐसा माहौल बनाए रखना चाहिए कि बच्चे अपनी समस्याओं के साथ निःसंकोच आपके पास आ सकें। फिर चाहे परेशानी कितनी भी बड़ी या छोटी न हो।

(6) अपने बच्चों के लिए समय निकालें - युवा प्रौढ़ों का यह कर्तव्य है कि अपने बच्चे के साथ व्यक्तिगत रूप से वक्त बिताएँ। यदि आपके एक से अधिक बच्चे हैं तो अपने समय को उन दोनों के बीच समान रूप से विभाजित करें। अपने बच्चे को सुननें और उसका सम्मान करें। साथ ही बच्चे अपने जीवन के साथ क्या करना चाहते हैं, उसका आदर करें। बच्चों को सीमाओं में बाँधने की जरूरत है।

(7) महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए उपस्थित रहें - युवा प्रौढ़ों का माता-पिता के रूप में एक उत्तरदायित्व यह भी है कि आप अपने काम में व्यस्त हो सकते हैं। परन्तु अपने बच्चों के जीवन के खास लम्हों के लिए हमेशा वक्त निकालें, चाहे वो कविता सुनना हो या स्नातक स्तर की पढ़ाई। बच्चों के स्कूल में होने वाली मीटिंग, खेल-कूद, वार्षिक कार्यक्रमों में अवश्य जायें तथा यदि आपके बच्चे ने किसी प्रतियोगिता में भाग लिया है तो उसका उत्साहवर्धन करें।

(8) उचित नियमों को लागू करें - युवा प्रौढ़ों का माता-पिता के रूप में यह उत्तरदायित्व है कि बच्चों के लिए ऐसे नियम बनाएँ जो हर व्यक्ति की खुशहाली व उत्पादक जीवन की ओर अग्रसर करें। महत्वपूर्ण यह है कि ऐसे नियमों या दिशा का निर्देशन हो जो बगैर सख्त लगे आपके बच्चे को विकसित होने में मदद करे, आदर्श तौर पर आपको बच्चों के दिल में आपके नियमों से जितना डर है, उससे अधिक प्यार होना चाहिए।

(9) अपने क्रोध को नियंत्रित करें - युवा प्रौढ़ों का माता पिता के रूप में बच्चों के प्रति यह कर्तव्य है कि उन्हें शांत और विवेकी रहना अनिवार्य है जब आप अपने नियमों की व्याख्या या उनका पालन करवा रहे हों, आप चाहेंगे कि आपको गंभीरता से ले न कि आप से डरें और आपको अनुचित समझे।

(10) अनुरूपता - युवा प्रौढ़ों का बच्चों के लिए यह कर्तव्य है कि हर समय एक जैसे नियम लागू करें और बच्चों की जिद या विरोध के आधीन होकर नियमों में अपवाद लाने के प्रलोभन से बचें। यदि आप अपने बच्चे को मनमर्जी सिर्फ इसलिए करने देते हैं, वे झल्ला जाएँगे तो इसका अर्थ यह होगा कि आपके नियमों की बुनियाद कमजोर है और उनमें कोई भी फेरबदल कर सकता हैं यदि आप अपने आपको एक से अधिक बार यह कहता महसूस करते हैं कि "अच्छा, पर केवल एक बार" तो आपको अपने बच्चों के लिए और अधिक सुसंगत नियम बनाए रखने की आवश्यकता है।

अगर आपके बच्चे महसूस करते हैं कि आपके नियमों में अक्सर फेरबदल की जा सकती है तो कभी वह नियमों में बँधे रहने के लिए प्रोत्साहित नहीं होंगे।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

    अनुक्रम

  1. प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझती हैं? आहार आयोजन का महत्व बताइए।
  2. प्रश्न- आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
  3. प्रश्न- आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिए।
  4. प्रश्न- एक खिलाड़ी के लिए एक दिन के पौष्टिक तत्वों की माँग बताइए व आहार आयोजन कीजिए।
  5. प्रश्न- एक दस वर्षीय बालक के पौष्टिक तत्वों की मांग बताइए व उसके स्कूल के लिए उपयुक्त टिफिन का आहार आयोजन कीजिए।
  6. प्रश्न- "आहार आयोजन करते हुए आहार में विभिन्नता का भी ध्यान रखना चाहिए। इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
  7. प्रश्न- आहार आयोजन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  8. प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं के अनुसार एक किशोरी को ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
  9. प्रश्न- सन्तुलित आहार क्या है? सन्तुलित आहार आयोजित करते समय किन-किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
  10. प्रश्न- आहार द्वारा कुपोषण की दशा में प्रबन्ध कैसे करेंगी?
  11. प्रश्न- वृद्धावस्था में आहार को अति संक्षेप में समझाइए।
  12. प्रश्न- आहार में मेवों का क्या महत्व है?
  13. प्रश्न- सन्तुलित आहार से आप क्या समझती हैं? इसके उद्देश्य बताइये।
  14. प्रश्न- वर्जित आहार पर टिप्पणी लिखिए।
  15. प्रश्न- शैशवावस्था में पोषण पर एक निबन्ध लिखिए।
  16. प्रश्न- शिशु के लिए स्तनपान का क्या महत्व है?
  17. प्रश्न- शिशु के सम्पूरक आहार पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  18. प्रश्न- किन परिस्थितियों में माँ को अपना दूध बच्चे को नहीं पिलाना चाहिए?
  19. प्रश्न- फार्मूला फीडिंग आयोजन पर एक लेख लिखिए।
  20. प्रश्न- 1-5 वर्ष के बालकों के शारीरिक विकास का वर्णन करते हुए उनके लिए आवश्यक पौष्टिक आहार की विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- 6 से 12 वर्ष के बालकों की शारीरिक विशेषताओं का वर्णन करते हुए उनके लिए आवश्यक पौष्टिक आहार की विवेचना कीजिए।
  22. प्रश्न- विभिन्न आयु वर्गों एवं अवस्थाओं के लिए निर्धारित आहार की मात्रा की सूचियाँ बनाइए।
  23. प्रश्न- एक किशोर लड़की के लिए पोषक तत्वों की माँग बताइए।
  24. प्रश्न- एक किशोरी का एक दिन का आहार आयोजन कीजिए तथा आहार तालिका बनाइये।
  25. प्रश्न- एक सुपोषित बच्चे के लक्षण बताइए।
  26. प्रश्न- वयस्क व्यक्तियों की पोषण सम्बन्धी आवश्यकताओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  27. प्रश्न- वृद्धावस्था की प्रमुख पोषण सम्बन्धी आवश्यकताएँ कौन-कौन-सी हैं?
  28. प्रश्न- एक वृद्ध के लिए आहार योजना बनाते समय आप किन बातों को ध्यान में रखेंगी?
  29. प्रश्न- वृद्धों के लिए कौन से आहार सम्बन्धी परिवर्तन करने की आवश्यकता होती है? वृद्धावस्था के लिए एक सन्तुलित आहार तालिका बनाइए।
  30. प्रश्न- गर्भावस्था में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व आवश्यक होते हैं? समझाइए।
  31. प्रश्न- स्तनपान कराने वाली महिला के आहार में कौन से पौष्टिक तत्वों को विशेष रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
  32. प्रश्न- एक गर्भवती स्त्री के लिए एक दिन का आहार आयोजन करते समय आप किन किन बातों का ध्यान रखेंगी?
  33. प्रश्न- एक धात्री स्त्री का आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
  34. प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था क्या है? इसकी विशेषतायें बताइये।
  35. प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था का क्या अर्थ है? मध्यावस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
  36. प्रश्न- शारीरिक विकास का क्या तात्पर्य है? शारीरिक विकास को प्रभावित करने वाले करकों को समझाइये।
  37. प्रश्न- क्रियात्मक विकास का क्या अर्थ है? क्रियात्मक विकास को परिभाषित कीजिए एवं मध्य बाल्यावस्था में होने वाले क्रियात्मक विकास को समझाइये।
  38. प्रश्न- क्रियात्मक कौशलों के विकास का वर्णन करते हुए शारीरिक कौशलों के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- सामाजिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामाजिक विकास के लिए किन मानदण्डों की आवश्यकता होती है? सामाजिक विकास की विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- समाजीकरण को परिभाषित कीजिए।
  41. प्रश्न- सामाजिक विकास को प्रभावित करने वाले तत्वों की विस्तारपूर्वक चर्चा कीजिए।
  42. प्रश्न- बालक के सामाजिक विकास के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- समाजीकरण से आप क्या समझती हैं? इसकी प्रक्रियाओं की व्याख्या कीजिए।
  44. प्रश्न- सामाजिक विकास से क्या तात्पर्य है? इनकी विशेषताओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- उत्तर बाल्यावस्था में सामाजिक विकास का क्या तात्पर्य है? उत्तर बाल्यावस्था की सामाजिक विकास की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  46. प्रश्न- संवेग का क्या अर्थ है? उत्तर बाल्यावस्था में संवेगात्मक विकास का वर्णन कीजिए।
  47. प्रश्न- संवेगात्मक विकास की विशेषताएँ लिखिए एवं बालकों के संवेगों का क्या महत्व है?
  48. प्रश्न- बालकों के संवेग कितने प्रकार के होते हैं? बालक तथा प्रौढों के संवेगों में अन्तर बताइये।
  49. प्रश्न- संवेगात्मक विकास को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
  50. प्रश्न- बच्चों के भय के क्या कारण हैं? भय के निवारण एवं नियन्त्रण के उपाय लिखिए।
  51. प्रश्न- संज्ञान का अर्थ एवं परिभाषा लिखिए। संज्ञान के तत्व एवं संज्ञान की विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- संज्ञानात्मक विकास से क्या तात्पर्य है? इसे प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
  53. प्रश्न- भाषा से आप क्या समझते हैं? वाणी एवं भाषा का क्या सम्बन्ध है? मानव जीवन के लिए भाषा का क्या महत्व है?
  54. प्रश्न- भाषा- विकास की विभिन्न अवस्थाओं का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- भाषा-विकास से आप क्या समझती? भाषा-विकास पर प्रभाव डालने वाले कारक लिखिए।
  56. प्रश्न- बच्चों में पाये जाने वाले भाषा सम्बन्धी दोष तथा उन्हें दूर करने के उपाय बताइए।
  57. प्रश्न- भाषा से आप क्या समझती हैं? भाषा के मापदण्ड की चर्चा कीजिए।
  58. प्रश्न- भाषा से आप क्या समझती हैं? बालक के भाषा विकास के प्रमुख स्तरों की व्याख्या कीजिए।
  59. प्रश्न- भाषा के दोष के प्रकारों, कारणों एवं दूर करने के उपाय लिखिए।
  60. प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था में भाषा विकास का वर्णन कीजिए।
  61. प्रश्न- सामाजिक बुद्धि का आशय स्पष्ट कीजिए।
  62. प्रश्न- 'सामाजीकरण की प्राथमिक प्रक्रियाएँ' पर टिप्पणी लिखिए।
  63. प्रश्न- बच्चों में भय पर टिप्पणी कीजिए।
  64. प्रश्न- बाह्य शारीरिक परिवर्तन, संवेगात्मक अवस्थाओं को समझाइए।
  65. प्रश्न- संवेगात्मक अवस्था में होने वाले परिवर्तन क्या हैं?
  66. प्रश्न- संवेगों को नियन्त्रित करने की विधियाँ बताइए।
  67. प्रश्न- क्रोध एवं ईर्ष्या में अन्तर बताइये।
  68. प्रश्न- बालकों में धनात्मक तथा ऋणात्मक संवेग पर टिप्पणी लिखिए।
  69. प्रश्न- भाषा विकास के अधिगम विकास का वर्णन कीजिए।
  70. प्रश्न- भाषा विकास के मनोभाषिक सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- बालक के हकलाने के कारणों को बताएँ।
  72. प्रश्न- भाषा विकास के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- भाषा दोष पर टिप्पणी लिखिए।
  74. प्रश्न- भाषा विकास के महत्व को समझाइये।
  75. प्रश्न- वयः सन्धि का क्या अर्थ है? वयः सन्धि अवस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
  76. प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए - (a) वयःसन्धि में लड़के लड़कियों में यौन सम्बन्धी परिपक्वता (b) वयःसन्धि में लैंगिक क्रिया-कलाप (e) वयःसन्धि में नशीले पदार्थों का उपयोग एवं दुरूपयोग (d) वय: सन्धि में आहार सम्बन्धी आवश्यकताएँ।
  77. प्रश्न- यौन संचारित रोग किसे कहते हैं? भारत के प्रमुख यौन संचारित रोग कौन-कौन से हैं? वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- एच. आई. वी. वायरस क्या है? इससे होने वाला रोग, कारण, लक्षण एवं बचाव बताइये।
  79. प्रश्न- ड्रग और एल्कोहल एब्यूज डिसआर्डर क्या है? विस्तार से समझाइये।
  80. प्रश्न- किशोर गर्भावस्था क्या है? किशोर गर्भावस्था के कारण, लक्षण, किशोर गर्भावस्था से बचने के उपाय बताइये।
  81. प्रश्न- युवाओं में नशीले पदार्थ के सेवन की समस्या क्यों बढ़ रही है? इस आदत को कैसे रोका जा सकता है?
  82. प्रश्न- किशोरावस्था में संज्ञानात्मक विकास, भाषा विकास एवं नैतिक विकास का वर्णन कीजिए।
  83. प्रश्न- सृजनात्मकता का क्या अर्थ है? सृजनात्मकता की परिभाषा लिखिए। किशोरावस्था में सृजनात्मक विकास कैसे होता है? समझाइये।
  84. प्रश्न- किशोरावस्था की परिभाषा देते हुये उसकी अवस्थाएँ लिखिए।
  85. प्रश्न- किशोरावस्था की विशेषताओं को विस्तार से समझाइये।
  86. प्रश्न- किशोरावस्था में यौन शिक्षा पर एक निबन्ध लिखिये।
  87. प्रश्न- किशोरावस्था की प्रमुख समस्याओं पर प्रकाश डालिये।
  88. प्रश्न- किशोरावस्था क्या है? किशोरावस्था में विकास के लक्षण स्पष्ट कीजिए।
  89. प्रश्न- किशोरावस्था को तनाव या तूफान की अवस्था क्यों कहा गया है?
  90. प्रश्न- प्रारम्भिक वयस्कावस्था में 'आत्म प्रेम' (Auto Emoticism ) को स्पष्ट कीजिए।
  91. प्रश्न- किशोरावस्था से क्या आशय है?
  92. प्रश्न- किशोरावस्था में परिवर्तन से सम्बन्धित सिद्धान्त कौन से हैं?
  93. प्रश्न- किशोरावस्था की प्रमुख सामाजिक समस्याएँ लिखिए।
  94. प्रश्न- आत्म की मुख्य विशेषताएँ लिखिए।
  95. प्रश्न- शारीरिक छवि की परिभाषा लिखिए।
  96. प्रश्न- प्राथमिक सेक्स की विशेषताएँ लिखिए।
  97. प्रश्न- किशोरावस्था के बौद्धिक विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  98. प्रश्न- सृजनात्मकता और बुद्धि में क्या सम्बन्ध है?
  99. प्रश्न- प्रौढ़ावस्था से आप क्या समझते हैं? प्रौढ़ावस्था में विकासात्मक कार्यों का वर्णन कीजिए।
  100. प्रश्न- प्रारंभिक वयस्कावस्था के मानसिक लक्षणों पर प्रकाश डालिये।
  101. प्रश्न- वैवाहिक समायोजन से क्या तात्पर्य है? विवाह के पश्चात् स्त्री एवं पुरुष को कौन-कौन से मुख्य समायोजन करने पड़ते हैं?
  102. प्रश्न- प्रारंभिक वयस्कतावस्था में सामाजिक विकास की विवेचना कीजिए।
  103. प्रश्न- उत्तर व्यस्कावस्था में कौन-कौन से परिवर्तन होते हैं तथा इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप कौन-कौन सी रुकावटें आती हैं?
  104. प्रश्न- वृद्धावस्था से क्या आशय है? संक्षेप में लिखिए।
  105. प्रश्न- वृद्धावस्था में संज्ञानात्मक सामर्थ्य एवं बौद्धिक पक्ष पर प्रकाश डालिए।
  106. प्रश्न- पूर्व प्रौढ़ावस्था की प्रमुख विशेषताओं के बारे में लिखिये।
  107. प्रश्न- युवा प्रौढ़ावस्था शब्द को परिभाषित कीजिए। माता-पिता के रूप में युवा प्रौढ़ों के उत्तरदायित्वों का वर्णन कीजिए।
  108. प्रश्न- वृद्धावस्था में रचनात्मक समायोजन पर टिप्पणी लिखिए?
  109. प्रश्न- उत्तर वयस्कावस्था (50-60 वर्ष) में हृदय रोग की समस्याओं का विवेचन कीजिए।
  110. प्रश्न- वृद्धावस्था में समायोजन को प्रभावित करने वाले कारकों को विस्तार से समझाइए।
  111. प्रश्न- उत्तर-वयस्कावस्था में स्वास्थ्य पर टिप्पणी लिखिए।

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book